Skip to main content

Followers

1. How did we get freedom from the Agricultural Land Act?

 

Pre Independence

·       Under the British Raj, the farmers did not have the ownership of the lands they cultivated, the landlordship of the land lied with the Zamindars, Jagirdars etc.

·       Several important issues confronted the government and stood as a challenge in front of independent India.

·       Land was concentrated in the hands of a few and there was a proliferation of intermediaries who had no vested interest in self-cultivation.

·       Leasing out land was a common practice.

·       The tenancy contracts were expropriative in nature and tenant exploitation was almost everywhere.

·       Land records were in extremely bad shape giving rise to a mass of litigation.

·       One problem of agriculture was that the land was fragmented into very small parts l for commercial farming.

·       It resulted in inefficient use of soil, capital, and labour in the form of boundary lands and boundary disputes.

Post Independence

A committee, under the Chairmanship of J. C. Kumarappan was appointed to look into the problem of land. The Kumarappa Committee's report recommended comprehensive agrarian reform measures.

The Land Reforms of the independent India had four components:

1.    The Abolition of the Intermediaries

2.    Tenancy Reforms

3.    Fixing Ceilings on Landholdings

4.    Consolidation of Landholdings.

These were taken in phases because of the need to establish a political will for their wider acceptance of these reforms.

Abolition of the Intermediaries

·       Abolition of the zamindari system: The first important legislation was the abolition of the zamindari system, which removed the layer of intermediaries who stood between the cultivators and the state.

·       The reform was relatively the most effective than the other reforms, for in most areas it succeeded in taking away the superior rights of the zamindars over the land and weakening their economic and political power.

·       The reform was made to strengthen the actual landholders, the cultivators.

Advantages: The abolition of intermediaries made almost 2 crore tenants the owners of the land they cultivated.

·       The abolition of intermediaries has led to the end of a parasite class. More lands have been brought to government possession for distribution to landless farmers.

·       A considerable area of cultivable waste land and private forests belonging to the intermediaries has been vested in the State.

·       The legal abolition brought the cultivators in direct contact with the government.

Disadvantages: However, zamindari abolition did not wipe out landlordism or the tenancy or sharecropping systems, which continued in many areas. It only removed the top layer of landlords in the multi-layered agrarian structure.

·       It has led to large-scale eviction. Large-scale eviction, in turn, has given rise to several problems – social, economic, administrative and legal.

Issues: While the states of J&K and West Bengal legalised the abolition, in other states, intermediaries were allowed to retain possession of lands under their personal cultivation without limit being set.

·       Besides, in some states, the law applied only to tenant interests like sairati mahals etc. and not to agricultural holdings.

·       Therefore, many large intermediaries continued to exist even after the formal abolition of zamindari.

·       It led to large-scale eviction which in turn gave rise to several socio-economic and administrative problems.

 

Comments

Popular posts from this blog

चिल्ड्रन डे की ढ़ेरों बधाईयां

  मेरे प्यारे नन्हें बच्चों!   पहले, मैं सभी बच्चों को इस दिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देना चाहता हूँ। आप सभी इस दुनिया का सबसे अनमोल हिस्सा हैं। आपके शिक्षक उम्र और तजुर्बे में आपसे काफी बड़े है, बढ़ती उम्र उनके माथे में अनायास सिकन लाती है l दुनियाभर की बेमतलब जिम्मेदारियों के बोझ में शिक्षक को सुकून तब मिलता है जब आपका मुस्कुराता हुआ चेहरा सामने आता है l आपको शायद अभी इसका अहसास न हो, लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं है कि आप सभी उस ईश्वर/भगवान या उस अलौकिक परमतत्व के प्रतिरूप है l  चिल्ड्रन डे, जो कि हमारे प्रिय पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर मनाया जाता है, हमें यह याद दिलाता है कि बच्चों का भविष्य हमारे समाज का भविष्य है। नेहरू जी ने हमेशा बच्चों के विकास और शिक्षा को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा था कि "बच्चे हमारे भविष्य हैं," और यही कारण है कि हमें उन्हें प्यार, देखभाल और सही दिशा में मार्गदर्शन देना चाहिए। आज का दिन सिर्फ उत्सव मनाने के लिए नहीं हैं, बल्कि हमें यह भी सोचना है कि हम बच्चों को कैसे एक सुरक्षित, खुशहाल और समृद्ध जीवन दे सकते हैं। हमें बच्चों क...

भारत का सर्वोच्च न्यायालय

  संगठन चार्ट प्रधान सचिव रजिस्ट्रार (न्यायिक सूचीकरण) अतिरिक्त रजिस्ट्रार उप रजिस्ट्रार सहायक रजिस्ट्रार / एआर-सह-पीएस शाखा अधिकारी/कोर्ट मास्टर व्यवहार करने वाले अधिकारी रजिस्ट्रार (न्यायिक प्रशासन) अतिरिक्त रजिस्ट्रार उप रजिस्ट्रार सहायक रजिस्ट्रार शाखा अधिकारी व्यवहार करने वाले अधिकारी रजिस्ट्रार (खरीद एवं भंडार) अतिरिक्त रजिस्ट्रार उप रजिस्ट्रार सहायक रजिस्ट्रार शाखा अधिकारी व्यवहार करने वाले अधिकारी रजिस्ट्रार-I (गोपनीय कक्ष) अतिरिक्त रजिस्ट्रार उप रजिस्ट्रार सहायक रजिस्ट्रार शाखा अधिकारी व्यवहार करने वाले अधिकारी रजिस्ट्रार (न्यायाधीश प्रशासन एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध) अतिरिक्त रजिस्ट्रार उप रजिस्ट्रार सहायक रजिस्ट्रार शाखा अधिकारी व्यवहार करने वाले अधिकारी रजिस्ट्रार (प्रौद्योगिकी) अतिरिक्त रजिस्ट्रार उप रजिस्ट्रार सहायक रजिस्ट्रार(कंप्यूटर) शाखा अधिकारी व्यवहार करने वाले अधिकारी/ तकनीक. सहायक-सह-प्रोग्रामर रजिस्ट्रार-II (गोपनीय कक्ष) अतिरिक्त रजिस्ट्रार उप रजिस्ट्रार सहायक रजिस्ट्रार शाखा अधिकारी व्यवहार करने वाले अधिकारी रजिस्ट्रार (न्यायालय एवं भवन) अतिरिक्त रजिस्ट्रार उप...

छत्तीसगढ़ राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग

                 महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाएं  नवाबिहान योजना घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के क्रियान्वयन के लिए राज्य शासन द्वारा नवाबिहान योजना संचालित है। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक जिले में महिला संरक्षण अधिकारी की पदस्थापना की गई है।   सुविधा व सहायताः -योजना के अंतर्गत पीड़ित महिला को आवश्यकतानुसार विधिक सलाह , परामर्श , चिकित्सा , सुविधा , परिवहन तथा आश्रय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रावधान रखा गया है।   सम्पर्कः-जिला कार्यक्रम अधिकारी/जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी/ परियोजना अधिकारी/संरक्षण अधिकारी/सखी के केन्द्र प्रशासक। बिलासपुर : सुश्री सीमा गोस्वामी 70897-30583 विभागीय योजनाये 1.      नवाबिहान योजना 2.      स्वावलंबन योजना 3.      सक्षम योजना 4.      ऋण योजना 5.      संस्कार अभियान 6.      मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना 7. ...