Skip to main content

Followers

महिला एवं बाल विकास 10

 केंद्रीय योजनाये

सखी निवास भारत सरकार द्वारा 1972-1973 से शहरों, कस्बो एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कामकाजी महिलाओं को हॉस्टल सुविधा उपलब्ध कराने बाबत् भवन निर्माण/किराये के भवन में हॉस्टल संचालन हेतु अनुदान प्रदान कर योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा था। भारत शासन द्वारा महिला कल्याण से संबंधित कार्यक्रमों को संकलित करते हुए 01 अप्रैल 2022 से मिशन शक्ति की शुरूआत की गई है जिसके अंतर्गत कामकाजी महिला हॉस्टल का नाम परिवर्तन करते हुए ‘‘सखी निवास’’ के रूप में संचालित किये जाने का प्रावधान किया गया है। योजना मेंं आंशिक संशोधन करते हुए अब भवन निर्माण हेतु दिये जाने वाले अनुदान के स्थान पर प्रशासकीय व्यय एवं किराये के भवन में संचालन होने पर भवन किराया दिये जाने का प्रावधान रखा गया है।

उद्देश्यः- व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं के कारण अपने परिवार से दूर रहने वाले कामकाजी महिलाओं, जॉब ट्रेनिंग की महिलाएं, उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही बालिकाओं के लिए सुरक्षित और किफायती आवास की उपलब्धता को बढ़ावा देना है।

सम्पर्कः- सम्बन्धित जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी/जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी।

अभियान संस्थान : निवेदिता कामकाजी महिला हास्टल, चितले कालोनी पुल के पास, नेहरू नगर बिलासपुर

प्लाट नं. 20, खसरा न. 175/4, चाटीडीह, बिलासपुर

 

राष्ट्रीय शिशुगृह योजना

योजनांतर्गत 0-5 वर्ष आयु वर्ग के बच्चो को दिवस देखभाल सुविधायें उपलब्ध कराई जाती है। यह योजना पंजीकृत स्वैच्छिक संगठनो, महिला मंडलो तथा राज्य / संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन के माध्यम से संचालित की जाती है ।योजना के तहत ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मासिक आय 1800/-रूपये से कम है, कृषि श्रमिको के बच्चे, अजा / अजजा जनजाति वर्ग के बच्चे, रोजगारोन्मुखी योजनाओ जैसे स्टेप / नोराड में कार्यरत महिलाओ के बच्चे तथा साम्प्रदायिक दंगो के शिकार परिवारो के बच्चे सहायता / लाभ प्राप्त करने के पात्र है।

योजना अंतगर्त सामान्य शिशुगृह केन्द्रों तथा आंगनबाड़ी-सह-शिशुगृह केन्द्रो के लिये सहायता प्रदान की जाती है।

स्वैच्छिक संगठनों को सामान्य अनुदान

योजनान्तर्गत महिला एवं बाल विकास के क्षे़त्र में ऐसे कार्यकलापों को शुरू करने के लिए जो विभाग के अन्य किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं है, के लिए, विभिन्न अभिकरणों यथा स्वैच्छिक संगठन / संस्थान,विश्वविद्यालय, अनुसंधान संस्थायें, जिनमें केन्द्रीय सरकार / राज्य सरकारों / सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों / स्थानीय प्राधिकरणों / सहकारी संस्थाओं के द्वारा स्थापित एवं वित्त पोषित संस्थायें एवं संगठन शामिल है, को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। आवर्ती तथा अनावर्ती मद में अनुमोदित लागत के 90 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है तथा शेष 10 प्रतिशत संबंधित अभिकरणों को वहन करना होता है।

स्वैच्छिक संगठनों को संगठनात्मक सहायता

महिलाओं तथा बच्चों के लिए कल्याण योजनाओं का कार्यान्वयन कर रहे स्वैच्छिक संगठनों के केन्द्रीय कार्यालयों की अनुरक्षण लागत की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से योजनान्तर्गत संबंधित संगठनों को अनुदान सहायता दी जाती है ताकि उनकी गतिविधियों को निपुणतापूर्वक एवं निर्बाध रूप से चलाया जा सके।

विभागीय संस्थाये

1.     मातृ-कुटीर

2.     बालवाड़ी सह-संस्कार केन्द्र

3.     बाल गृह

4.     नारी निकेतन

मातृ-कुटीर

मातृ कुटीर (धात्री मां) नामक संस्था राजनांदगांव तथा बिलासपुर में संचालित की जा रही है। वर्ष2005-06 से यह संस्था जगदलपुर एवं दुर्ग जिले में भी प्रारंभ की गई है । संस्था में 3-4 अनाथ बच्चों तथा एक निराश्रित महिला को एक साथ परिवार के रूप में गठित कर पारिवारिक वातावरण में माँ व बच्चों के निःशुल्क परिपालन, पोषण एवं बच्चों के शिक्षण प्रशिक्षण, स्वास्थ्य की देखभाल आदि की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। बच्चे वयस्क होने और स्थापित होने तक संस्था में रहते हैं।

योजना का उद्देश्यः-

अनाथ बच्चों व निराश्रित महिला को एक परिवार के रूप में एक इकाई का गठन कर पारिवारिक वातावरण निर्मित करना ताकि बच्चों को धात्री मां का व महिला को बच्चों का स्नेह मिल सके। छत्तीसगढ़ प्रदेश में बिलासपुर तथा राजनांदगांव में मातृ कुटीर संचालित है। दुर्ग एवं जगदलपुर में भी मातृ-कुटीर संस्था के संचालन की स्वीकृति प्रदान की गई है ।

संपर्कः- जिला कार्यक्रम अधिकारी / जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी।

 

बालवाड़ी सह-संस्कार केन्द्र

0 से 6 आयु वर्ष के बच्चों के मानसिक तथा शारीरिक विकास के लिए राज्य में रायपुर तथा बिलासपुर में शासकीय बालवाड़ी सह-संस्कार केन्द्र संचालित है। केन्द्र के माध्यम से महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, बुनाई आदि का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इन केन्द्रों के माध्यम से वर्ष में कुल 100 हितग्राही लाभान्वित किये जा सकते है ।

योजना का उद्देश्यः-

  1. गरीबी, पिछड़ी, मजदूर, महिला एवं बच्चों को इन केन्द्रों के माध्यम से संस्कारित करना।
  2. बच्चों को शारीरिक-बौद्धिक विकास के खेल खिलाना, भाषा का विकास करना तथा बच्चों का मनोरंजन कर, उन्हें व्यक्तिगत व सामाजिक व्यवहार का ज्ञान कराना तथा सामाजिक मूल्यों के संस्कार देना।

संपर्कः- जिला कार्यक्रम अधिकारी / जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी।

 

बाल गृह

संस्था में 18 वर्ष आयु तक के बच्चों को जिन्हे देख देख व संरक्षण की आवश्यकता हो उन्हे सी डब्लयू सी के माध्यम से बाल गृह में प्रवेश दिलवाने के पश्चात् आवास, शिक्षण, भोजन, वस्त्र तथा प्रशिक्षण की सुविधा दी जाती है। प्रदेश में 5 बाल गृह क्रमशः बालकों के लिए कवर्धा, जगदलपुर तथा दुर्ग एवं रायपुर बालिकाओं के लिए बिलासपुर तथा रायपुर में संचालित है।इन गृहों को बाल गृहों को में परिवर्तित किया गया है ।

योजना का उद्देश्यः-

18 वर्ष आयु तक के बच्चों को जिन्हे देख देख व संरक्षण की आवश्यकता हो उन्हे सी डब्लयू सी के माध्यम से बाल गृह में प्रवेश दिलवाने के पश्चात् उन्हें स्वस्थ वातावरण उपलब्ध कराना, उनका पालन-पोषण करना और सामाजिक, शैक्षणिक संरक्षण प्रदान करना।

संपर्कः- जिला कार्यक्रम अधिकारी / जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, संस्था की अधीक्षिका।


नारी निकेतन

अनाथ, विधवा, निराश्रित, तिरस्कृत, परित्यक्ता महिलाओं को आश्रय व सहारा प्रदान करने तथा उनके निःशुल्क परिपालन व पुर्नवास के लिए हमारे प्रदेश में तीन नारी निकेतनों का संचालन किया जा रहा है। ये नारी निकेतन रायपुर, अम्बिकापुर एवं दंतेवाड़ा में संचालित है । संस्था में इन महिलाओं के निःशुल्क आवास, भरण पोषण, शिक्षण, प्रशिक्षण और पुर्नवास की व्यवस्था की जाती है। सामान्यतः सरपंच, नगरीय निकाय, विधायक, सांसद पंजीकृत स्वयंसेवी संस्थाओं के अध्यक्ष और राजपत्रित अधिकारी द्वारा महिला की आश्रय विहीनता संबंधी प्रमाण पत्र देने पर कलेक्टर की अध्यक्षता में संबंधित नारी निकेतन संस्था की परामर्शदात्री समिति द्वारा संस्था में महिला को प्रवेश दिया जाता है।

योजना का उद्देश्यः-

16 वर्ष से अधिक आयु की अनाथ कन्याओं, अविवाहित माताओं, विधवाओं, परित्यक्ताओं, तिरस्कृत व बेसहारा महिलाओं को सामाजिक व शैक्षणिक संरक्षण प्रदान करना।

संपर्कः- जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, नारी निकेतन संस्था की अधीक्षिका एवं आवश्यकतानुसार कलेक्टर से भी संपर्क किया जा सकता है।


Comments

Popular posts from this blog

चिल्ड्रन डे की ढ़ेरों बधाईयां

  मेरे प्यारे नन्हें बच्चों!   पहले, मैं सभी बच्चों को इस दिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देना चाहता हूँ। आप सभी इस दुनिया का सबसे अनमोल हिस्सा हैं। आपके शिक्षक उम्र और तजुर्बे में आपसे काफी बड़े है, बढ़ती उम्र उनके माथे में अनायास सिकन लाती है l दुनियाभर की बेमतलब जिम्मेदारियों के बोझ में शिक्षक को सुकून तब मिलता है जब आपका मुस्कुराता हुआ चेहरा सामने आता है l आपको शायद अभी इसका अहसास न हो, लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं है कि आप सभी उस ईश्वर/भगवान या उस अलौकिक परमतत्व के प्रतिरूप है l  चिल्ड्रन डे, जो कि हमारे प्रिय पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर मनाया जाता है, हमें यह याद दिलाता है कि बच्चों का भविष्य हमारे समाज का भविष्य है। नेहरू जी ने हमेशा बच्चों के विकास और शिक्षा को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा था कि "बच्चे हमारे भविष्य हैं," और यही कारण है कि हमें उन्हें प्यार, देखभाल और सही दिशा में मार्गदर्शन देना चाहिए। आज का दिन सिर्फ उत्सव मनाने के लिए नहीं हैं, बल्कि हमें यह भी सोचना है कि हम बच्चों को कैसे एक सुरक्षित, खुशहाल और समृद्ध जीवन दे सकते हैं। हमें बच्चों क...

भारत का सर्वोच्च न्यायालय

  संगठन चार्ट प्रधान सचिव रजिस्ट्रार (न्यायिक सूचीकरण) अतिरिक्त रजिस्ट्रार उप रजिस्ट्रार सहायक रजिस्ट्रार / एआर-सह-पीएस शाखा अधिकारी/कोर्ट मास्टर व्यवहार करने वाले अधिकारी रजिस्ट्रार (न्यायिक प्रशासन) अतिरिक्त रजिस्ट्रार उप रजिस्ट्रार सहायक रजिस्ट्रार शाखा अधिकारी व्यवहार करने वाले अधिकारी रजिस्ट्रार (खरीद एवं भंडार) अतिरिक्त रजिस्ट्रार उप रजिस्ट्रार सहायक रजिस्ट्रार शाखा अधिकारी व्यवहार करने वाले अधिकारी रजिस्ट्रार-I (गोपनीय कक्ष) अतिरिक्त रजिस्ट्रार उप रजिस्ट्रार सहायक रजिस्ट्रार शाखा अधिकारी व्यवहार करने वाले अधिकारी रजिस्ट्रार (न्यायाधीश प्रशासन एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध) अतिरिक्त रजिस्ट्रार उप रजिस्ट्रार सहायक रजिस्ट्रार शाखा अधिकारी व्यवहार करने वाले अधिकारी रजिस्ट्रार (प्रौद्योगिकी) अतिरिक्त रजिस्ट्रार उप रजिस्ट्रार सहायक रजिस्ट्रार(कंप्यूटर) शाखा अधिकारी व्यवहार करने वाले अधिकारी/ तकनीक. सहायक-सह-प्रोग्रामर रजिस्ट्रार-II (गोपनीय कक्ष) अतिरिक्त रजिस्ट्रार उप रजिस्ट्रार सहायक रजिस्ट्रार शाखा अधिकारी व्यवहार करने वाले अधिकारी रजिस्ट्रार (न्यायालय एवं भवन) अतिरिक्त रजिस्ट्रार उप...

छत्तीसगढ़ राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग

                 महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाएं  नवाबिहान योजना घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के क्रियान्वयन के लिए राज्य शासन द्वारा नवाबिहान योजना संचालित है। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक जिले में महिला संरक्षण अधिकारी की पदस्थापना की गई है।   सुविधा व सहायताः -योजना के अंतर्गत पीड़ित महिला को आवश्यकतानुसार विधिक सलाह , परामर्श , चिकित्सा , सुविधा , परिवहन तथा आश्रय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रावधान रखा गया है।   सम्पर्कः-जिला कार्यक्रम अधिकारी/जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी/ परियोजना अधिकारी/संरक्षण अधिकारी/सखी के केन्द्र प्रशासक। बिलासपुर : सुश्री सीमा गोस्वामी 70897-30583 विभागीय योजनाये 1.      नवाबिहान योजना 2.      स्वावलंबन योजना 3.      सक्षम योजना 4.      ऋण योजना 5.      संस्कार अभियान 6.      मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना 7. ...