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डीपी विप्र लॉ कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए छत्तीसगढ़ सामान्य अध्ययन की विशेष निःशुल्क कक्षाएं

प्रिय विद्यार्थियों!  छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस की बधाईयां l हमारा प्रदेश आज युवावस्था में विकास की राह में अग्रसर है l आप सभी को यह जानकारी जरूर होगी कि, राज्य स्थापना के बाद से ही छत्तीसगढ़िया अस्मिता पर काफी चर्चाएं होती रही है l छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग भी संस्थागत सरकारी ढर्रे में अपना संस्थागत कार्य कर रही है l चूंकि मैंने अपने जीवन का एक दशक छत्तीसगढ़ी और इसके शोध में लगा रखा है अतः आप सभी को अपना अनुभव शिक्षण के माध्यम से देने इच्छुक हूं l  आपको विदित हो छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग व व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में लगातार छत्तीसगढ़ सामान्य ज्ञान से प्रश्न पूछे जा रहे है जिसको देखते हुए ऐसा अनुमान लगाया जाना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि विधिक सेवा से संबंधित सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी छत्तीसगढ़ का सामान्य अध्ययन एक अनिवार्य विषय के रूप में शामिल होगा l एक विधि विद्यार्थी के रूप में भी छत्तीसगढ़ का इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था, प्रशासनिक संरचना, सांस्कृतिक सम्पदा, जनजातियों का सामाजिक जीवन व संस्कृति, पर्यटन स्थल, समसामयिक तथ्य आदि सभी की जानकारी होना

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छत्तीसगढ़ सिविल जज द्वितीय श्रेणी हेतु मार्गदर्शन

सिविल जज द्वितीय श्रेणी के पद के लिये परीक्षा छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) द्वारा आयोजित की जाती है l प्रारंभिक परीक्षा के माध्यम से मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। प्रारंभिक परीक्षा में कोई भी नकारात्मक अंकन नहीं किया जाएगा। मुख्य परीक्षा (लिखित)(3 घंटे) का होता है जिसमें सिविल मामलों में निर्णय लेखन और आरोप का निर्धारण के 40 अंक होंगे दांडिक मामलों में निर्णय लेखन और आरोप का निर्धारण के भी 40 अंक होंगे तथा अनुवाद: अंग्रेज़ी से हिंदी व अनुवाद: हिंदी से अंग्रेज़ी क्रमशः 10-10 अंक के निर्धारित होते है l साक्षात्कार के लिये अधिकतम अंक निर्धारित 15 होते है।  रिक्तियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए मुख्य परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों में से चयनित अभ्यर्थियों को साक्षात्कार हेतु बुलाया जाता है l सामान्यतः मुख्य परीक्षा के लिये, रिक्तियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए 1:10 के अनुपात में प्रारंभिक परीक्षा में उपस्थित होने वालों में से अपेक्षाकृत अधिक मेधावी अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा (लिखित) के लिये चयनित किया जाता है । प्रारंभिक परीक्षा के वस्तुनिष्ठ प्रश्न

एम.एस.डब्लू/स्नात्कोत्तर समाज कार्य MSW अन्तिम वर्ष पाठ्यक्रम July 2024-25 Batch

समाज कार्य अनुसंधान एवं सांख्यिकी(Social Work Research and Statics) (प्रश्नपत्र - प्रथम) खण्ड (1) अध्याय 1: समाज कार्य अनुसंधान अध्याय 2 : वैज्ञानिक पद्धति अध्याय 3 : सामाजिक घटनाओं की प्रकृति अध्याय 4 : सामाजिक अनुसंधान खण्ड (2) अध्याय 5 : सामाजिक सर्वेक्षण अध्याय 6 : तथ्य संकलन की विधियाँ अध्याय 7 : निदर्शन अध्याय 8 : अनुसंधान अभिकल्प या प्ररचना खण्ड (3) अध्याय 9 : सामाजिक शोध में सांख्यिकी का प्रयोग अध्याय 10 : सांख्यिकी अवधारणा एवं महत्व अध्याय 11: तथ्यों का बिन्दुरेखीय चित्रों द्वारा प्रदर्शन अध्याय 12 : चित्रों द्वारा सांख्यिकीय तथ्यों का प्रदर्शन खण्ड (4) अध्याय 13: तथ्यों का विश्लेषण एवं निर्वचन अध्याय 14 : सांख्यिकीय माध्य : माध्य, माध्यिका एवं बहुलक अध्याय 15: विचलन या अपकिरण की माप अध्याय 16 सह-सम्बन्ध तथा साहचर्य का सांख्यिकी विश्लेषण सामाजिक व्यक्तिक कार्य, सामूहिक कार्य, सामुदायिक संगठन एवं सामाजिक क्रिया (Social Case work, Group work, Community Organization and Social Action) (प्रश्नपत्र - द्वितीय) खण्ड (1) अध्याय 1 व्यक्ति एवं अनुकूलन अध्याय 2 समूह की प्रमुख विशेषताएँ त

चेतना के महाअभियान में NVAAB सहभागी

  बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह ने लगभग चार माह पूर्व बहुउद्देशीय अभियान चेतना का शुभारंभ किया था।  चेतना सामुदायिक पुलिसिंग पर आधारित ऐसा अभियान है जिसका उद्देश्य आम जनों को विभिन्न अपराधों से मुक्ति के साथ-साथ लोगों को विभिन्न प्रकार के दुर्व्यासनो से  छुटकारा दिलाना है। इसी संदर्भ में आज दिनांक 27.10.2024  की संध्या हैप्पी स्ट्रीट में एक विशाल कार्यक्रम आयोजित किया गया l  चेतना का चौथा चरण जो नशे के विरूद्ध है।ऐसे व्यक्ति जो किसी भी प्रकार के नशे जैसे दलदल में फस चुके है और इस नशा के कारण वह तमाम प्रकार के अपराध घटित कर रहे हैं नशे के घनघोर अंधकार में डूबे ऐसे व्यक्तियों को प्रकाश में लाने पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह ने बड़ी संख्या में उपस्थित बिलासपुरवासियों के साथ चेतना दीपक प्रज्वलित किया । इस कार्यक्रम में जिले के विभिन्न समिति, संगठन, एनजीओ, शहर के गणमान्य नागरिक, विभिन्न स्कूलों कॉलेजों के छात्र-छात्राएं सहित बड़ी संख्या में स्त्री पुरुष शामिल हुए तथा लगभग 5000 दीपों से CHETANA AGAINST DRUGS लिखकर चेतना दीप दीपावली के पूर्व दिवस पर प्रज्वलित किया। विश्वास है

BRICS+ 2024

  BRICS+ 2024 BRICS एक संगठन है जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। यह संगठन वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक मामलों में सहयोग और चर्चा के लिए बनाया गया है। BRICS+ 2024 शिखर सम्मेलन: भारत BRICS शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रही है। यह सम्मेलन दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं को एक साथ लाते दिख रहा है और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा जारी है, जैसे कि: वैश्विक आर्थिक विकास व्यापार और निवेश ऊर्जा और संसाधन सुरक्षा और आतंकवाद स्वास्थ्य और शिक्षा BRICS+2024 के लिए भारत की तैयारी: भारत सरकार ने BRICS 2024 के लिए अभी तक जो बात रखी है इसमें शामिल हैं: सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दों पर चर्चा व्यापार और निवेश के अवसरों को बढ़ावा देना सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान कार्यक्रम वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए सहयोग BRICS+2024 का महत्व: BRICS 2024 शिखर सम्मेलन वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह सम्मेलन विभिन्न मुद्दों पर सहयोग और चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करेगा और वैश्विक विकास को बढ़ावा देगा।

SUBJECT-4 HUMAN RIGHTS LAW & PRACTICE

(A) GENERAL BACKGROUND & HISTORICAL PERSPECTIVE 1. Historical Development and concept of Human Right 2. Meaning and definition of Human Rights 3. Theories of Human Rights 4. Kinds and Classification of Human Rights 5. Human Right in India ancient, medieval and modern concept rights 6. Human Right in Western tradition Concept of natural law and natural rights 7. Concept of natural law and natural rights.  (B) INTERNATIONAL PROTECTION OF HUMAN RIGHTS 1. Evolution of the concept of Human Rights  2. Sources of International Human Rights Law 3.  Protection and implementation of Human Rights under the U.N.O. Charter  4. Universal Declaration of Human Rights, 1948-Importance of declaration, Legal  Effect and influence of the Universal Declaration  5. International Covenant on Economic, Social and Cultural Rights, 1966 6 . International Covenant on Civil and Political Rights, 1966 7. Convention on the elimination of all forms of discrimination against women. 8.  Convention on the rights of

SUBJECT-3 INTERPRETATION OF STATUTES

(1) Principles and Legislation - Law Making Legislature, Executive and Judiciary, Principle of Utility, Operation of these Principles upon Legislation, Distinction between Morals and Legislation.  INTERPRETATION OF STATUTES-  Introduction, Meaning, Commencement, Operation and Repeal of Statutes, Purpose of Interpretation of Statutes Classification of Statutes. (2) GENERAL PRINCIPLES OF INTERPRETATION- Primary Rules, Literal Rule, Golden Rule, Mischief Rule (Rule in the Hydon's Case) Rule of Harmonious Construction. Secondary Rules, Noscitur a Soclis, Ejusdem Generis, Reddendo Singula Singulis, Utres Magis Valeat Quam Pereat, Contemporanea Expositio est Fortissima in Lege. PRESUMPTIONS IN STATUTORY INTERPRETATION-  Presumption as to Jurisdiction, Presumption Against inconvenient or Absurd, Presumption Against Intending Injustice, Presumption Against Impairing Obligations or Permitting from One's Own Wrong, Prospective Operation of Statutes. (3) AIDS TO INTERPRETATION & MAXI